Sunday, July 5, 2009
ज़मीन पर
भारत चिकित्सा विज्ञान की असीम बुलंदियों को छूने वाली मंज़िल तक पहुँच गया। फिर उसने नीचे झाँककर देखा। अद्भुत नजारा था। मंज़िल के इर्द-गिर्द ज़मीन पर बिखरे लोग कीड़े-मकोड़ों से भी छोटे नज़र आ रहे थे। लेकिन ये लोग थे कौन? उसने नीचे उतरकर देखा। वही लोग, जो अमूमन हर बड़े अस्पताल के परिसर में इधर-उधर पड़े रहते हैं। कुछ बेड खाली होने का इंतज़ार कर रहे थे। कुछ रजिस्ट्रेशन फीस तक चुकाने की हालत में नहीं थे, लिहाज़ा उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा था। कुछ पैसा खत्म हो जाने की वजह से डिस्चार्ज कर दिए गए थे।
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Bharat ne neeche jhank kar dekha hi kyoN ?
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